अमेरिका से 225 मिलियन डॉलर के AMRAAM मिसाइल खरीदे का पाकिस्तान का ये दोस्त! जानें क्या है तकनीक और कितना खतरनाक है ये हथियार

AMRAAM Missile: तुर्किए और अमेरिका के बीच एक बड़ी सैन्य डील की पुष्टि हुई है. अमेरिका की डिफेंस सिक्योरिटी को ऑपरेशन एजेंसी (DSCA) ने 14 मई को ऐलान किया कि वह तुर्किए को AIM-120C-8 एडवांस्ड मीडियम-रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (AMRAAM) बेचने को तैयार है. इस डील की अनुमानित कीमत 225 मिलियन डॉलर है. प्रस्तावित पैकेज में 53 मिसाइलों के साथ 6 गाइडेंस सिस्टम, कंटेनर, रीप्रोग्रामिंग गियर, स्पेयर पार्ट्स, तकनीकी दस्तावेज और लॉजिस्टिक सहायता शामिल हैं.

DSCA का कहना है कि यह सौदा अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती देगा क्योंकि इससे नाटो सदस्य तुर्किए की हवाई सुरक्षा बेहतर होगी. इस डील के लिए अमेरिका की रक्षा कंपनी RTX कॉरपोरेशन को ठेकेदार नियुक्त किया गया है.

तुर्किए के लिए हवाई सुरक्षा को मजबूत करने का मौका

यह मिसाइल डील ऐसे समय में आई है जब तुर्किए अपनी वायु सुरक्षा प्रणाली को अपडेट करने में जुटा हुआ है. AMRAAM मिसाइलें लंबी दूरी और बेहद सटीक निशाने के लिए जानी जाती हैं जो तुर्किए को अपने हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के साथ-साथ अमेरिकी सैनिकों की रक्षा में भी सहायता देंगी. DSCA ने साफ किया कि यह सौदा क्षेत्रीय सैन्य संतुलन को प्रभावित नहीं करेगा.

रूसी S-400 डील की परछाई में नई शुरुआत

गौरतलब है कि 2019 में तुर्किए ने रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदा था जिससे अमेरिका नाखुश हुआ और उसने CAATSA कानून के तहत तुर्किए पर प्रतिबंध लगा दिए थे. इसके साथ ही तुर्किए को F-35 फाइटर जेट प्रोग्राम से बाहर कर दिया गया था. इसके बावजूद दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग पूरी तरह टूटा नहीं.

अमेरिकी हथियारों पर तुर्किए की निर्भरता बरकरार

बीते दशकों में तुर्किए ने अमेरिकी रक्षा उपकरणों पर काफी भरोसा किया है. उसके पास बड़ी संख्या में F-16 और F-4 फाइटर जेट्स, ब्लैक हॉक और चिनूक हेलिकॉप्टर, M60 टैंक और अमेरिकी नौसेना के युद्धपोत शामिल हैं. इसके अलावा अमेरिका ने तुर्किए को C-130 हरक्यूलिस और KC-135 टैंकर विमान भी दिए हैं. हालांकि हाल के वर्षों में तुर्किए ने अपने ड्रोन निर्माण में प्रगति की है लेकिन पहले वह अमेरिकी सर्विलांस ड्रोन पर निर्भर रहा.

क्या है AMRAAM मिसाइल?

AMRAAM एक एडवांस्ड मीडियम रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल है जिसे अमेरिका ने विकसित किया है. यह मिसाइल दुश्मन के विमानों, ड्रोन और अन्य हवाई लक्ष्यों को बीच आसमान में ही सटीकता से निशाना बनाकर गिराने की क्षमता रखती है. यह तकनीक खास तौर पर लॉन्ग-रेंज डॉगफाइट्स और मल्टी-टारगेट ट्रैकिंग के लिए जानी जाती है.

ताजा डील में तुर्किए को AIM-120C-8 वर्जन की 53 मिसाइलें मिलने वाली हैं. यह वर्जन AMRAAM की लेटेस्ट और सबसे एडवांस किस्म मानी जाती है, जो पहले से अधिक रेंज, बेहतर गाइडेंस और हाई स्पीड अटैक क्षमता से लैस है.

क्या है तकनीक

AIM-120C-8 मिसाइलें एक्टिव रडार होमिंग तकनीक का इस्तेमाल करती हैं जिससे इन्हें लॉन्च करने के बाद भी ये अपने लक्ष्य को खुद ट्रैक कर सकती हैं. इसकी रेंज लगभग 100 किलोमीटर से अधिक बताई जाती है और यह ध्वनि की गति से कई गुना तेज उड़ान भरती है.

मिसाइल में मल्टी-शूटिंग और मल्टी-टारगेट एंगेजमेंट क्षमता होती है यानी एक बार में कई लक्ष्यों को ट्रैक कर हमला किया जा सकता है. इसकी सबसे बड़ी ताकत यह है कि यह हर मौसम में, दिन या रात कभी भी और किसी भी परिस्थिति में काम करने में सक्षम है.

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