दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लोकप्रिय अभिनेता विजय देवरकोंडा एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार किसी फिल्म या अभिनय को लेकर नहीं, बल्कि अपने एक बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। एक प्री-रिलीज़ इवेंट में दिए गए उनके बयान को आदिवासी समुदाय ने अपमानजनक बताया है, जिसके चलते एससी/एसटी अधिनियम के तहत उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।
मामला कैसे शुरू हुआ?
17 जून 2025 को आयोजित फिल्म ‘रेट्रो’ के प्री-रिलीज़ कार्यक्रम के दौरान विजय देवरकोंडा द्वारा की गई एक टिप्पणी ने विवाद को जन्म दिया। नेनवथ अशोक कुमार नाइक, जो कि संयुक्त आदिवासी एक्शन कमेटी के राज्य अध्यक्ष हैं, ने अभिनेता पर आरोप लगाया कि उनकी बातों से आदिवासी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है और यह आत्म-सम्मान के खिलाफ है।
पुलिस एफआईआर में क्या कहा गया?
एफआईआर कॉपी के अनुसार, कार्यक्रम के दौरान विजय देवरकोंडा ने कहा: असलु 500 साल पीछे आदिवासी कोकुतुननटु, वेलु बुद्धी लिकुंडा, न्यूनतम सामान्य ज्ञान लिकुंडा चेस पानुलु। वे 500 साल पहले आदिवासियों की तरह व्यवहार करते हैं, सामान्य ज्ञान के बिना लड़ते हुए) पुलिस के अनुसार, यह टिप्पणी न केवल आपत्तिजनक है बल्कि यह आदिवासी समुदाय की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली मानी गई है। इसके चलते रैडर्गम पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
विजय देवरकोंडा की सफाई और माफी
विवाद के बढ़ने के बाद विजय देवरकोंडा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सफाई दी। उन्होंने लिखा: मेरा उद्देश्य किसी भी समुदाय को आहत करना नहीं था। यदि मेरी बातों से किसी को दुख पहुंचा हो तो मैं अपने शब्दों के लिए खेद व्यक्त करता हूं। मैं विशेष रूप से हमारे अनुसूचित जनजाति समुदाय का गहरा सम्मान करता हूं।”
विजय ने आगे कहा कि उनका उद्देश्य केवल शांति, प्रगति और एकता की बात करना था और वे कभी भी किसी को विभाजित करने की मंशा नहीं रखते।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर मिलेजुले प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोग विजय देवरकोंडा के माफीनामे को ईमानदार मान रहे हैं, जबकि कुछ का कहना है कि ऐसी टिप्पणियां जिम्मेदार सेलिब्रिटी से उम्मीद नहीं की जातीं। कई यूजर्स ने यह भी मांग की है कि ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति किसी भी समुदाय को अपमानित न कर सके।
निष्कर्ष: स्टारडम के साथ आती है ज़िम्मेदारी
विजय देवरकोंडा जैसे स्टार्स का एक-एक शब्द लाखों लोगों तक पहुँचता है। ऐसे में सार्वजनिक मंचों पर उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। भले ही उनका उद्देश्य गलत न हो, लेकिन उनके शब्दों का प्रभाव बहुत गहरा हो सकता है, खासकर जब बात संवेदनशील समुदायों की हो।
यह मामला न केवल एक चेतावनी है बल्कि यह भी दिखाता है कि आज के दौर में हर बयान की जवाबदेही होती है।