आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज दुनिया भर में तकनीकी क्रांति का केंद्र बना हुआ है। ChatGPT, DeepSeek, और Google AI जैसे टूल्स ने इस क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए हैं। अब भारत सरकार ने भी इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए AI कोष लॉन्च किया है। यह पहल न केवल भारत को AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि देश को वैश्विक टेक्नोलॉजी मानचित्र पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। तो आइए, जानते हैं कि यह AI कोष क्या है, इसके क्या फायदे हैं, और यह भारत के युवाओं और टेक इंडस्ट्री के लिए कैसे गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

AI कोष लॉन्च
AI कोष क्या है?
AI कोष भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा लॉन्च किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में AI के क्षेत्र में शोध, विकास और नवाचार को बढ़ावा देना है। इसके तहत दो प्रमुख प्लेटफॉर्म शुरू किए गए हैं: इंडिया AI कंप्यूट पोर्टल और डेटा सेट प्लेटफॉर्म। इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए शोधकर्ताओं, स्टार्टअप्स और सरकारी एजेंसियों को सब्सिडी वाले GPU (ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट) और डेटा सेट्स उपलब्ध कराए जाएंगे।

AI कोष लॉन्च
AI कोष कब लॉन्च हुआ?
भारत सरकार ने AI कोष को आधिकारिक तौर पर 7 मार्च 2025 को लॉन्च किया। इसका उद्घाटन केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में किया। इस लॉन्च इवेंट में सरकार ने घोषणा की कि यह पहल भारत को AI के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगी।

AI कोष लॉन्च
AI कोष के मुख्य उद्देश्य
इस पहल का प्राथमिक लक्ष्य भारतीय AI मॉडल्स का विकास करना है। सरकार चाहती है कि जैसे ChatGPT और DeepSeek जैसे टूल्स विदेशी कंपनियों ने बनाए हैं, वैसे ही भारत में भी स्वदेशी AI मॉडल्स बनाए जाएं। इसके अलावा, यह पहल डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करेगी
युवाओं को AI कोष से मिलेंगे 5 बड़े लाभ
- सस्ते में AI टूल्स का उपयोग: AI कोष के तहत सब्सिडी वाले GPU और डेटा सेट्स उपलब्ध होंगे, जिससे युवा शोधकर्ता और स्टार्टअप्स कम लागत में एडवांस AI टूल्स का इस्तेमाल कर सकेंगे।
- रोजगार के नए अवसर: AI के क्षेत्र में बढ़ते निवेश से कोडिंग, डेटा एनालिटिक्स, मशीन लर्निंग और AI डेवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में नौकरियों के नए रास्ते खुलेंगे।
- स्वदेशी AI मॉडल्स का विकास: युवा अपने खुद के AI मॉडल्स बना सकेंगे, जो देश की जरूरतों के अनुरूप होंगे और उन्हें वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएंगे।
- डेटा सुरक्षा और गोपनीयता: भारतीय डेटा देश के भीतर ही रहेगा, जिससे युवाओं के प्रोजेक्ट्स और शोध सुरक्षित रहेंगे।
- ग्लोबल प्रतिस्पर्धा में बढ़त: AI कोष युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवसर मिलेंगे।

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AI कोष का भविष्य
सरकार ने इस पहल के लिए ₹371 करोड़ का बजट आवंटित किया है। इसके तहत 18,693 GPU लगाए जाएंगे, जो दुनिया का सबसे बड़ा कंप्यूटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाएंगे। यह चाइना के DeepSeek AI मॉडल से भी 9 गुना बड़ा होगा। इसके अलावा, भारत अगले कुछ वर्षों में अपने खुद के GPU भी विकसित करेगा, जो सेमीकंडक्टर और डीप टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाएगा।

AI कोष लॉन्च
निष्कर्ष
भारत सरकार की AI कोष लॉन्च पहल न केवल देश को AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि यह युवाओं के लिए नए अवसर और रोजगार के द्वार भी खोलेगी। यह पहल भारत को वैश्विक टेक्नोलॉजी मानचित्र पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
तो दोस्तों, आपको क्या लगता है? क्या भारत ChatGPT और DeepSeek जैसे AI मॉडल्स को पीछे छोड़कर अपना खुद का बेहतर AI मॉडल विकसित कर पाएगा? अपने विचार कमेंट में जरूर शेयर करें!