विंग कमांडर Vyomika Singh: भारतीय वायुसेना की निडर हेलीकॉप्टर पायलट की प्रेरणादायक कहानी

Vyomika Singh, भारतीय वायुसेना में विंग कमांडर के पद पर कार्यरत हैं और एक अत्यंत दक्ष और अनुभवी हेलिकॉप्टर पायलट हैं। उन्होंने अपने 21 वर्षों के सैन्य करियर में साहस, समर्पण और सेवा की अद्वितीय मिसाल कायम की है। उनका नाम “व्योमिका” भी उनके जीवन का प्रतीक बन गया — जिसका अर्थ है “आकाश की स्वामिनी”।

Vyomika Singh

हेलिकॉप्टर अभियानों की विशेषज्ञ

व्योमिका सिंह ने चेतक और चीता जैसे हेलिकॉप्टरों को लेह, सियाचिन, अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर जैसे दुर्गम क्षेत्रों में उड़ाया है। उन्होंने आतंक विरोधी अभियानों, राहत-बचाव मिशनों और विशेष पर्वतीय अभियानों में भी अहम भूमिका निभाई है।

परिवार की पहली महिला अधिकारी

व्योमिका अपने परिवार की पहली महिला हैं जिन्होंने भारतीय वायुसेना में कदम रखा। यह उपलब्धि उन्होंने उस समय हासिल की जब महिला पायलटों की संख्या बहुत सीमित थी। उन्होंने 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में 21वें शॉर्ट सर्विस कमीशन के रूप में जॉइन किया था और वर्ष 2017 में विंग कमांडर बनीं।

2500 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव

उनके नाम पर 2,500 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव दर्ज है। वे विषम परिस्थितियों में उड़ान भरने की विशेषज्ञ हैं, खासकर जब बात नागरिकों को बचाने या आपातकालीन क्षेत्रों में सहायता पहुँचाने की हो।

Vyomika Singh

पर्वतारोहण में भी अग्रणी

2021 में उन्होंने माउंट मेरिथॉन्ग (21,650 फीट) पर तीनों सेनाओं की महिला पर्वतारोहण टीम का नेतृत्व किया। इससे पहले उन्होंने माउंट मणिरंग पर भी पर्वतारोहण मिशन में भाग लिया था। ये मिशन नारी शक्ति और सैन्य कौशल का प्रतीक बने।

ऑपरेशन सिंदूर और मीडिया ब्रीफिंग

व्योमिका सिंह “ऑपरेशन सिंदूर” की वजह से सुर्खियों में आईं, जो पहलगाम में आतंकी हमले के जवाब में की गई हवाई कार्रवाई थी। नई दिल्ली में आयोजित एक उच्च-स्तरीय प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने आत्मविश्वास के साथ मिशन की जानकारी साझा की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी और कर्नल सोफिया कुरैशी के साथ मंच साझा करना लखनऊ के लिए भी गर्व का क्षण था।

Vyomika Singh सामाजिक नेतृत्व और प्रेरणा

2020 और 2022 में उन्होंने उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में नागरिकों को बचाने के लिए जटिल मिशनों का नेतृत्व किया। उनकी कार्यशैली, निर्भीकता और नेतृत्व क्षमता उन्हें देशभर की युवतियों के लिए प्रेरणास्रोत बनाती है।

पारिवारिक पृष्ठभूमि और निजी जीवन

व्योमिका लखनऊ की मूल निवासी हैं और हरियाणा के भिवानी जिले के बापोड़ा गांव की बहू हैं। उनके पति विंग कमांडर दिनेश सिंह सभ्रवाल भी वायुसेना में ही कार्यरत हैं। बापोड़ा गांव को “फौजियों का गांव” कहा जाता है, जहाँ से कई सैन्य अधिकारी निकले हैं, जिनमें पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वीके सिंह भी शामिल हैं।

Vyomika Singh

परिवार का साथ और प्रेरणा

विंग कमांडर व्योमिका सिंह के परिवार में एक बड़े भाई और एक छोटी बहन हैं। उनके माता-पिता, आरएस निम और करुणा सिंह, उनकी मेहनत और सफलता पर बेहद गर्व महसूस करते हैं। दसवीं कक्षा से ही व्योमिका के मन में पायलट बनने का सपना था, लेकिन उन्होंने शुरुआत में यह बात किसी को नहीं बताई।

Vyomika Singh बचपन से प्रेरणा

एक इंटरव्यू में व्योमिका ने बताया कि कक्षा 6 में उन्हें अपने नाम के अर्थ से प्रेरणा मिली — “आकाश की स्वामिनी”। तभी से उन्होंने ठान लिया कि वे एक पायलट बनेंगी और उन्होंने उस सपने को साकार भी कर दिखाया।

जानकारीविवरण
नामविंग कमांडर व्योमिका सिंह
जन्मस्थानलखनऊ, उत्तर प्रदेश
सेवा वर्ष2004–वर्तमान (21+ वर्ष)
पायलट अनुभव2,500+ घंटे
विशेष मिशनऑपरेशन सिंदूर, पर्वतारोहण मिशन, राहत अभियान
पतिविंग कमांडर दिनेश सिंह सभ्रवाल
ससुरालबापोड़ा गांव, भिवानी, हरियाणा
प्रसिद्ध मिशनमाउंट मेरिथॉन्ग, माउंट मणिरंग, अरुणाचल बचाव अभियान
प्रेरणा स्रोतनाम “व्योमिका” का अर्थ – आकाश की स्वामिनी

Vyomika Singh निष्कर्ष

व्योमिका सिंह सिर्फ एक हेलिकॉप्टर पायलट नहीं हैं, बल्कि “नारी शक्ति” की जीती-जागती मिसाल हैं। उन्होंने भारतीय वायुसेना में ना सिर्फ खुद के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ी की लड़कियों के लिए भी एक उड़ान की राह बनाई है। आज वे हर उस लड़की के लिए एक प्रेरणा हैं, जो खुले आकाश में अपने सपनों को पंख देना चाहती है।

Read more quora

Read More iQOO Buds 1i

Leave a comment