पिज़्ज़ा को ‘मार्गरिटा’ क्यों कहा जाता है? किसके लिए हुई थी इसकी खोज, जानकर दोबारा कभी नहीं खाएंगे!

पिज़्ज़ा को ‘मार्गरिटा’ क्यों कहा जाता है? क्या आपने कभी सोचा कि पिज़्ज़ा, जिसे हम आज इतने चाव से खाते हैं, उसकी कहानी कहां से शुरू हुई? आज पिज़्ज़ा हर किसी की पसंद है—डोमिनोज और पिज़्ज़ा हट से लेकर सड़क किनारे की छोटी दुकानों तक, यह हर जगह छाया हुआ है। बच्चे, जवान और बुजुर्ग—सब इसके दीवाने हैं। लेकिन क्या इसका इतिहास भी उतना ही लुभावना है जितना इसका स्वाद? यह एक ऐसा सवाल है जो आपके पिज़्ज़ा प्रेम को चुनौती दे सकता है। आइए, इस स्वाद के पीछे की अनोखी और थोड़ी डरावनी कहानी को जानते हैं, जो शायद आपके अगले स्लाइस को उठाने से पहले आपको सोचने पर मजबूर कर दे।

पिज़्ज़ा को ‘मार्गरिटा’ क्यों कहा जाता है?

पिज़्ज़ा की शुरुआत 18वीं सदी में इटली के नेपल्स शहर में हुई थी। उस समय नेपल्स गरीबी और मेहनतकश लोगों का केंद्र था। वहां आने वाले मजदूरों के पास अच्छा खाना खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। उन्हें सस्ता और पेट भरने वाला कुछ चाहिए था। तब उन्होंने बासी रोटी या आटे की पतली परत पर सड़ी सब्जियां, लहसुन और थोड़ा तेल डालकर उसे आग पर पकाया। यही था पिज़्ज़ा का पहला रूप! उस समय इसे कोई स्वादिष्ट डिश नहीं माना जाता था—यह गरीबों का कचरा खाना था। अमीर लोग इसे देखकर नाक सिकोड़ते थे और इसे जानवरों के खाने जैसा समझते थे। सोचिए, जिस पिज़्ज़ा को हम आज इतने शौक से ऑर्डर करते हैं, उसकी जड़ें ऐसी गंदी शुरुआत से जुड़ी थीं। क्या यह जानकर आपका मन नहीं बदलता?

पिज़्ज़ा को ‘मार्गरिटा’ क्यों कहा जाता है?

पिज़्ज़ा शब्द की उत्पत्ति एक रहस्य है। कुछ इतिहासकार कहते हैं कि यह ग्रीक शब्द ‘पिट्टा’ से आया, जिसका मतलब है गोल रोटी या पाई—जो पिज़्ज़ा की शक्ल से मिलता है। दूसरों का मानना है कि यह पूर्वी जर्मनी की लोम्बार्डिक भाषा के शब्द ‘बिज़्ज़ो’ से लिया गया, जिसका अर्थ है ‘मुंह से काटना’। उस समय पिज़्ज़ा को सड़कों पर हाथ से चबाया जाता था, तो यह नाम इसके खाने के तरीके से जुड़ा हो सकता है। लेकिन नाम चाहे जो भी हो, उस दौर में पिज़्ज़ा गरीबों का सस्ता खाना था। अमीर लोग इसे इतना गंदा समझते थे कि इसे अपने घर में नहीं आने देते थे। फिर भी, इसकी सादगी ने इसे नेपल्स की गलियों में जिंदा रखा। यह भूख मिटाने का साधन था, स्वाद का नहीं। क्या यह अतीत पिज़्ज़ा को आज से अलग नहीं बनाता?

पिज़्ज़ा को ‘मार्गरिटा’ क्यों कहा जाता है?

अब सवाल है—पिज़्ज़ा को ‘मार्गरिटा’ क्यों कहा जाता है? इसका जवाब 1889 में मिलता है। तब इटली की रानी मार्गरिटा (Queen Margherita of Savoy) नेपल्स आईं और स्थानीय खाना चखना चाहती थीं। उस समय पिज़्ज़ा को गरीबों का गंदा खाना माना जाता था, लेकिन रानी की जिद के आगे शेफ राफेल एSpoसिटो (Raffaele Esposito) ने एक खास पिज़्ज़ा बनाया। इसमें उन्होंने टमाटर (लाल), मोजरेला चीज़ (सफेद) और तुलसी की पत्तियां (हरा) डालीं—ये इटली के झंडे के रंगों को दर्शाते थे। रानी को यह इतना पसंद आया कि शेफ ने इसका नाम ‘मार्गरिटा’ रख दिया। इस तरह पिज़्ज़ा ने गरीबों की थाली से शाही मेज तक का सफर तय किया। यह एक साधारण डिश से शाही स्वाद बन गया। क्या यह बदलाव आपको हैरान नहीं करता?

पिज़्ज़ा को ‘मार्गरिटा’ क्यों कहा जाता है?

मार्गरिटा के बाद पिज़्ज़ा की किस्मत चमक उठी। 20वीं सदी में इटैलियन मजदूर अमेरिका गए और पिज़्ज़ा साथ ले गए। वहां लोगों ने इसे खूब पसंद किया। 1958 में पिज़्ज़ा हट और 1960 में डोमिनोज शुरू हुए, और पिज़्ज़ा ने दुनिया भर में अपनी जगह बना ली। आज यह हर देश में अलग-अलग स्वाद—चिकन, पनीर, सब्जियों—के साथ मिलता है। लेकिन इसकी जड़ें नेपल्स की गंदी गलियों में हैं। आज हर साल अरबों पिज़्ज़ा खाए जाते हैं। क्या यह कमाल नहीं कि एक गरीबों का खाना वैश्विक सनसनी बन गया?

पिज़्ज़ा को ‘मार्गरिटा’ क्यों कहा जाता है?

क्या पिज़्ज़ा वाकई सेहतमंद है? पहले यह बासी चीजों से बनता था, जो डरावना लगता है। आज ताजा सामग्री से बनता है, लेकिन चीज़, तेल और मैदा इसे भारी बनाते हैं। एक स्लाइस में 400-500 कैलोरी होती हैं, और टॉपिंग्स इसे और बढ़ा देती हैं। ज्यादा खाने से वजन और पेट की समस्याएं हो सकती हैं। यह जानकर—जानकर दोबारा कभी नहीं खाएंगे!—क्या आप इसे बिना सोचे खाएंगे?

पिज़्ज़ा को ‘मार्गरिटा’ क्यों कहा जाता है?

पिज़्ज़ा को ‘मार्गरिटा’ क्यों कहा जाता है? पिज़्ज़ा की कहानी गंदगी से शाही मेज तक की है। मार्गरिटा इसकी चमक है, लेकिन इसका अतीत डरावना है। यह स्वादिष्ट जरूर है, पर इसकी सच्चाई—पिज़्ज़ा को ‘मार्गरिटा’ क्यों कहा जाता है? किसके लिए हुई थी इसकी खोज, जानकर दोबारा कभी नहीं खाएंगे!—सोचने पर मजबूर करती है। अगली बार पिज़्ज़ा खाएं, तो इसे सिर्फ खाना न समझें—यह एक इतिहास है।

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