RCB vs PBKS Final में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने पंजाब किंग्स को हराकर 18 साल में अपना पहला आईपीएल खिताब जीत लिया। यह मैच अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया, जहां आरसीबी ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी की और 190 रन बनाए। जवाब में पंजाब किंग्स सिर्फ 184 रन ही बना सकी। इससे पहले आरसीबी तीन बार फाइनल हार चुकी थी लेकिन इस बार टीम ने इतिहास रच दिया।

RCB vs PBKS Final
आरसीबी की बल्लेबाज़ी: छोटे योगदानों का बड़ा स्कोर
RCB की शुरुआत धीमी रही। फिल साल्ट और विराट कोहली ने संभलकर शुरुआत की। लेकिन काइल जैमीसन ने साल्ट को जल्दी चलता किया। मयंक अग्रवाल और विराट ने पारी को आगे बढ़ाया लेकिन युजवेंद्र चहल ने मयंक को आउट कर ब्रेक लगा दिया। कोहली ने 35 गेंदों में 43 रन बनाए लेकिन स्ट्राइक रेट धीमा रहा। अंत में रजत पाटीदार, लिविंगस्टन और जितेश शर्मा ने मिलकर टीम को 190 तक पहुंचाया।
आखिरी ओवर का ड्रामा – अर्शदीप का कहर
पंजाब किंग्स के तेज़ गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने आखिरी ओवर में कमाल कर दिया। उन्होंने क्रुणाल पांड्या, भुवनेश्वर कुमार और शेफर्ड को आउट कर आरसीबी को 200 के नीचे ही रोक दिया। इस ओवर ने पंजाब के लिए मैच में वापसी की उम्मीद जगा दी लेकिन आरसीबी का स्कोर चुनौतीपूर्ण रहा।
पंजाब की धमाकेदार शुरुआत लेकिन बिखर गई उम्मीदें
RCB vs PBKS Final में पंजाब किंग्स ने लक्ष्य का पीछा करते हुए तेज शुरुआत की। प्रियांश आर्य और प्रभसिमरन ने पहले विकेट के लिए 43 रन जोड़े। लेकिन फिर हेजलवुड ने प्रियांश को आउट कर शुरुआत की और धीरे-धीरे पंजाब की पारी बिखरती चली गई। कप्तान श्रेयस अय्यर सिर्फ 1 रन बनाकर आउट हो गए।
क्रुणाल पांड्या का गेम चेंजर स्पेल
क्रुणाल पांड्या ने फाइनल में अपना अनुभव दिखाया। उन्होंने 4 ओवर में सिर्फ 17 रन देकर 2 विकेट लिए और मैच का रुख बदल दिया। खासकर जोश इंगलिस का विकेट लेकर उन्होंने RCB को मैच में मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। 17वें ओवर में दो और विकेट लेकर उन्होंने पंजाब की जीत की उम्मीदें तोड़ दीं।
शशांक सिंह ने दिखाई हिम्मत
पंजाब के लिए सबसे बड़ी उम्मीद बने शशांक सिंह। उन्होंने 30 गेंदों में नाबाद 61 रन बनाए, जिसमें 3 चौके और 6 छक्के शामिल थे। उन्होंने अंत तक पंजाब की उम्मीदों को जिंदा रखा, लेकिन दूसरे छोर से सहयोग ना मिलने की वजह से वो टीम को जीत नहीं दिला सके।
गेंदबाज़ी में चहल और जैमीसन की धार
RCB के लिए गेंदबाज़ी में युजवेंद्र चहल और जोश हेजलवुड सबसे सफल रहे। चहल ने मयंक का अहम विकेट लिया और मैच में पकड़ मजबूत की। वहीं जैमीसन ने फिल साल्ट, लिविंगस्टन जैसे बड़े बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा और पंजाब की रन गति को नियंत्रित किया।
फाइनल का माहौल और दोनों टीमों की जर्नी
RCB और PBKS दोनों ही पहली बार खिताब जीतने उतरी थीं। RCB ने 9 साल बाद जबकि पंजाब ने 11 साल बाद फाइनल में जगह बनाई थी। स्टेडियम में दर्शकों का जोश चरम पर था। विराट कोहली, श्रेयस अय्यर, कोचिंग स्टाफ और फैंस की आंखों में भावनाएं साफ दिख रही थीं।
विराट कोहली की कप्तानी और 18 साल की मेहनत का फल
विराट कोहली इस बार कप्तान नहीं थे, लेकिन उनका अनुभव और प्रेरणा टीम के साथ बनी रही। वो चौथी बार फाइनल खेल रहे थे और इस बार आखिरकार उनका सपना पूरा हुआ। उनकी 43 रनों की पारी भले धीमी रही हो, लेकिन टीम के लिए उनका योगदान अमूल्य था।

RCB vs PBKS Final
निष्कर्ष
RCB vs PBKS Final एक यादगार मुकाबला बन गया जिसने फैंस के 18 साल पुराने सपने को पूरा किया। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने संयम, रणनीति और टीमवर्क से यह खिताब जीता। इस जीत ने RCB को IPL के इतिहास में एक नई पहचान दी है।