‘मैं कोर्ट में चीखने लगी थी, रो रही थी’, युजवेंद्र चहल से तलाक पर पहली बार बोलीं धनश्री, टी-शर्ट स्टंट पर भी किया रिएक्ट


धनश्री वर्मा ने पहली बार क्रिकेटर युजवेंद्र चहल से तलाक पर रिएक्ट किया है. एक्ट्रेस और कोरियोग्राफर ने खुलासा किया कि तलाक का फैसला आने से पहले वो अदालत में काफी इमोशनल हो गई थीं. धनश्री ने तलाक वाले दिन चहल के टी शर्ट स्टंट- Be Your Own Sugar Daddy पर भी बात की है. एक्ट्रेस ने बताया कि उन्होंने क्रिकेटर को इसका जबाव देना जरूरी नहीं समझा. 

ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे के पॉडकास्ट में बात करते हुए धनश्री वर्मा ने कहा- ‘मुझे आज भी याद है जब मैं वहां खड़ी थी और फैसला सुनाया जाने वाला था, हालांकि हम मेंटली पूरी तरह तैयार थे, लेकिन जब ये हो रहा था, तो मैं बहुत इमोशनल हो गई थी. मैं सचमुच सबके सामने चीखने लगी. मैं बयां भी नहीं कर सकती कि उस समय मैं क्या महसूस कर रही थी.’

मैं कोर्ट में चीखने लगी थी, रो रही थी', युजवेंद्र चहल से तलाक पर पहली बार बोलीं धनश्री, टी-शर्ट स्टंट पर भी किया रिएक्ट

‘मैं बस चीखती रही और रोती रही’
धनश्री ने आगे कहा- ‘मुझे बस इतना याद है कि मैं बस रोती रही, मैं बस चीखती रही और रोती रही. बिल्कुल! ये सब हुआ और वो (युजवेंद्र चहल) पहले बाहर चले गए.’ तलाक वाले दिन यजुवेंद्र चहल ‘Be Your Own Sugar Daddy’ लिखी टी-शर्ट पहनकर गए थे. इसे लेकर धनश्री ने कहा- ‘आप जानते हैं कि लोग आपको ही दोषी ठहराएंगे. इससे पहले कि मुझे पता चले कि यह टी-शर्ट स्टंट हुआ था, हम सभी जानते थे कि लोग इसके लिए मुझे ही दोषी ठहराएंगे.’

मैं कोर्ट में चीखने लगी थी, रो रही थी', युजवेंद्र चहल से तलाक पर पहली बार बोलीं धनश्री, टी-शर्ट स्टंट पर भी किया रिएक्ट

चहल के टी शर्ट स्टंट पर बोलीं धनश्री
एक्ट्रेस आगे कहती हैं- ‘मुझे लगता है कि आपको इस मामले में बहुत मैच्योर होना होगा. मैंने यही रास्ता चुना है. मैंने मैच्योर होने और पब्लिक का ध्यान खींचने वाले बचकाने बयान देने के बजाय मैच्योरिटी चुनी. लेकिन मैं ये रास्ता नहीं चुनूंगी क्योंकि मैं अपने या उनके फैमिली वैल्यूज को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहती. हमें इज्जत बनाए रखना होगी.’

मैं कोर्ट में चीखने लगी थी, रो रही थी', युजवेंद्र चहल से तलाक पर पहली बार बोलीं धनश्री, टी-शर्ट स्टंट पर भी किया रिएक्ट

धनश्री कहती हैं- ‘आप जो भी समय बताती हैं, वो बस झलकियां होती हैं. एक औरत होने के नाते हमें सिखाया जाता है कि निभाओ, बांध के चलो करो. क्योंकि हम अपने समाज को अच्छी तरह जानते हैं, हमारी मां हमारे समाज को अच्छी तरह जानती हैं. आपको लेबल तो लगाया ही जाएगा.’

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