मोरारी बापू से जुडी ऐसी बाते जो अपने नहीं सुनी होगी।

बापू  हंमेशा गंगा जल ही पीते और उनकी रसोई भी हंमेशा गंगा जल में ही बनती हे।

वैसे तो बापू का जन्म 25 सितम्बर 1946 में हुआ था ,पर बापू की ऑफिसियल एप्प में साल 1947 दिखाया गया हे ।

बापू का पूरा नाम मोरारीदास प्रभुदास हरियाणी हे। बापू अपना जन्मदिन हर  साल शिवरात्री के दिन मानते हे ।

मोरारी बापू अभी तक 937 कथा कर चुके हे,और जल्द ही वे UNO (United Nations Organisation) में अपनी राम कथा करने जा रहे ह।

बापू को बाजरे की रोटी और दही बहुत पसंद हे वे सुबह नास्ते में रोज यही खाना पसंद करते हे

14 वर्ष की आयु में बापू ने पहली बार तलगाजरडा में चैत्रमास 1960 में एक महीने तक रामायण कथा का पाठ किया।

अपनी राम कथे के दोरहान उन 9 दिनों में एकबार बापू गरीबो के घर में भिक्षा मांगने जाते हे।

बापू हंमेशा ऐसी लकड़ी की चाखडी पहनते हे जो कई साधु संत भी पहनते हे।

मोरारी बापू को गांव  रहना पसंद हे और वे अपने गांव तलगाजरडा में ही रहते हे, और जब कथा नहीं होती तब,

बापू श्री चित्रकुटधाम तलगाजरडा में हनुमानजी की अद्भुत मनोहर मूर्ति के सन्मुख अपने जुले पर बैठेते हे और सभी दर्शन करने अये  लोगो को मिलते हे।