अब से ठीक 24 घंटे बाद, डोनाल्ड ट्रंप donald Trump अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। 20 जनवरी को भारतीय समयानुसार रात 10:30 बजे ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। यह अमेरिका के इतिहास में एक अनोखा पल होगा, जब इंडोर शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। ट्रंप का यह दूसरा कार्यकाल कई मायनों में खास और ऐतिहासिक होने वाला है।

donald Trump
donald Trump के शपथ ग्रहण के लिए वाशिंगटन में व्यापक तैयारियां की गई हैं। यह समारोह अमेरिकी कैपिटल हिल के अंदर आयोजित होगा। ठंड और सुरक्षा कारणों से इसे इंडोर रखा गया है। ट्रंप इस बार अपनी मां द्वारा दी गई बाइबल और ऐतिहासिक लिंकन बाइबल का इस्तेमाल करेंगे। शपथ ग्रहण में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर समेत कई बड़े विदेशी नेता शामिल होंगे। भारत के उद्योगपति मुकेश अंबानी और नीता अंबानी भी इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनेंगे।
donald Trump को एक अनप्रिडिक्टेबल नेता माना जाता है। उनके विचार और फैसले पहले से अनुमान लगाना मुश्किल होता है। यही वजह है कि दुनिया के कई देशों के नेता उनके दूसरे कार्यकाल को लेकर चिंतित हैं। ट्रंप ने पहले ही कई देशों पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की बात कही है। इससे चीन, भारत और अन्य देशों के साथ अमेरिका के व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ सकता है।

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donald Trump और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच करीबी संबंध हैं। दोनों नेताओं की “अमेरिका फर्स्ट” और “इंडिया फर्स्ट” नीतियां काफी मिलती-जुलती हैं। हालांकि, ट्रंप के पिछले कार्यकाल में भारत से आयात होने वाले सामान पर ज्यादा टैरिफ लगाने की उनकी इच्छा ने भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों में चुनौती पैदा की थी।
2023-24 में भारत ने अमेरिका से 42.2 बिलियन डॉलर का आयात किया और 7.52 बिलियन डॉलर का निर्यात किया। अगर ट्रंप ज्यादा आयात शुल्क लागू करते हैं, तो भारत के आईटी, फार्मास्यूटिकल्स और टेक्सटाइल उद्योग पर असर पड़ सकता है। हालांकि, मोदी और ट्रंप की अच्छी केमिस्ट्री यह संकेत देती है कि भारत के खिलाफ कोई कठोर कदम उठाने से बचा जा सकता है।

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donald Trump का दूसरा कार्यकाल जियोपॉलिटिक्स के नजरिए से बेहद अहम हो सकता है। रूस-यूक्रेन और इजरायल-ईरान के मौजूदा युद्धों को समाप्त करने के लिए ट्रंप के पास स्पष्ट रणनीति है। उन्होंने अपने चुनाव अभियान के दौरान कहा था कि अगर वह सत्ता में होते, तो रूस-यूक्रेन युद्ध कभी शुरू नहीं होता।
इजरायल और गाजा के बीच युद्ध विराम के लिए हुई डील ट्रंप की शपथ से ठीक पहले एक सकारात्मक संकेत है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप अपने कार्यकाल के दौरान इन संघर्षों को समाप्त करने में किस हद तक सफल होते हैं।

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ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। वाशिंगटन में कैपिटल हिल को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है। लगभग 7,800 गार्ड और सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। एफबीआई और सीक्रेट सर्विस पूरे इलाके पर नजर रख रही हैं।

donald Trump को अक्सर उनके “अमेरिका फर्स्ट” दृष्टिकोण के लिए सराहा और आलोचना दोनों किया गया है। उनके पहले कार्यकाल ने चीन, नाटो, और संयुक्त राष्ट्र जैसे संस्थानों के साथ अमेरिका के संबंधों में बदलाव लाया। उनका दूसरा कार्यकाल वैश्विक व्यापार, पर्यावरण नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को किस दिशा में ले जाएगा, यह देखने लायक होगा।
donald Trump का दूसरा कार्यकाल अमेरिका के लिए एक नए युग की शुरुआत कर सकता है। वह अपने उद्घाटन भाषण में अगले चार वर्षों की प्राथमिकताओं और योजनाओं का खुलासा करेंगे।
ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका न केवल अपनी आंतरिक राजनीति और अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक नई दिशा तय करेगा।

donald Trump का दूसरा कार्यकाल कई सवालों और उम्मीदों के साथ शुरू हो रहा है। क्या वह दुनिया के मौजूदा संघर्षों को समाप्त कर पाएंगे? क्या भारत-अमेरिका संबंध और मजबूत होंगे? इन सभी सवालों के जवाब अगले चार सालों में मिलेंगे।
donald Trump की अनप्रिडिक्टेबल लीडरशिप और उनके फैसले दुनिया पर कैसा प्रभाव डालेंगे, यह समय ही बताएगा। लेकिन यह स्पष्ट है कि उनका दूसरा कार्यकाल वैश्विक राजनीति और अमेरिका के भविष्य को नया आकार देगा।
शीर्षक | विवरण |
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donald Trump का शपथ ग्रहण | 20 जनवरी को भारतीय समयानुसार रात 10:30 बजे डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। यह समारोह कैपिटल हिल में आयोजित होगा। |
शपथ समारोह की खासियतें | यह समारोह इंडोर आयोजित किया जाएगा। ट्रंप शपथ के लिए अपनी मां की दी गई बाइबल और ऐतिहासिक लिंकन बाइबल का उपयोग करेंगे। |
सुरक्षा व्यवस्था | कैपिटल हिल को नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किया गया है। लगभग 7,800 सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। एफबीआई और सीक्रेट सर्विस सुरक्षा की निगरानी करेंगे। |
विदेशी मेहमान | भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर, मुकेश अंबानी, नीता अंबानी, और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी जैसे कई प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। |
भारत-अमेरिका संबंध | ट्रंप के “अमेरिका फर्स्ट” दृष्टिकोण से भारत के साथ व्यापारिक संबंध प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, मोदी और ट्रंप की केमिस्ट्री आशा जगाती है। |
वैश्विक प्रभाव | ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका-चीन संबंध, रूस-यूक्रेन युद्ध, और इजरायल-ईरान संघर्ष पर बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना है। |
donald Trump: अनप्रिडिक्टेबल लीडर | ट्रंप को उनके अनप्रिडिक्टेबल स्वभाव के लिए जाना जाता है। उनकी नीतियां और फैसले वैश्विक राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं। |
जियोपॉलिटिक्स और युद्ध | ट्रंप ने वादा किया है कि वह रूस-यूक्रेन और मध्य पूर्व के युद्धों को समाप्त करने की दिशा में काम करेंगे। |
अमेरिका का भविष्य | ट्रंप का दूसरा कार्यकाल अमेरिकी राजनीति और अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकता है। उनके फैसले वैश्विक संबंधों को भी प्रभावित करेंगे। |