एक ऐसा नाम जो रामकथा के अमृत में स्नान करने का निमंत्रण देता है। 1947 में गुजरात के तलगाजरडा गाँव में जन्मे मोरारी बापू आज देश-विदेश में रामकथा के सबसे प्रिय वक्ताओं में से एक हैं। उनकी मधुर वाणी, भावपूर्ण अभिव्यक्ति और गहन आध्यात्मिक ज्ञान श्रोताओं को राम-भक्ति की ओर आकर्षित करते हैं। मोरारी बापू का बचपन रामकथा से जुड़ी कहानियों और भजनों के बीच बीता। उनके दादाजी, त्रिभोवनदास, उन्हें रामचरितमानस की चौपाइयाँ सिखाते थे। 14 वर्ष की आयु में उन्होंने पहली बार रामकथा का पाठ किया, और तब से अब तक वे 900 से अधिक रामकथाओं का आयोजन कर चुके हैं।
हम मोरारी बापू की जीवनी,परिवार, शिक्षा और रामकथा | Morari Bapu Biography, Family, Education, Ram Katha in Hindi बहुत विशेष और सही सचोट जानकारी को पढ़ते हे।
मोरारी बापू का जीवन परिचय | Morari Bapu Biography
मोरारी बापू का जन्म शिवरात्री के दिन 1947 में महुवा के समीप छोटे से गांव तलगाजरडा (सौराष्ट्र) में वैष्णव परिवार में हुआ। पिता प्रभुदास हरियाणी के साथ दादाजी त्रिभोवनदास का रामायण के प्रति असीम प्रेम था। तलगाजरडा से महुवा वे पैदल अपनी शिक्षा के लिए जाया करते थे।5 मील के इस रास्ते में उन्हें दादाजी द्वारा बताई गई रामायण की 5 चौपाइयाँ प्रतिदिन याद करना पड़ती थीं। इस नियम के चलते उन्हें धीरे-धीरे समूची रामायण कंठस्थ हो गई।
दादाजी को ही बापू ने अपना गुरु मान लिया था। 14 वर्ष की आयु में बापू ने पहली बार तलगाजरडा में चैत्रमास 1960 में एक महीने तक रामायण कथा का पाठ किया। विद्यार्थी जीवन में उनका मन अभ्यास में कम, रामकथा में अधिक रमने लगा था। मोरारी बापू का बचपन रामकथा की कहानियों,चौपाइयाँ और भजनों से भरा रहा।
मोरारी बापू केवल धार्मिक कथाकार नहीं हैं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन के समर्थक भी हैं। वे जाति-पांति, ऊँच-नीच और लिंग-भेद जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाते हैं। उनकी रामकथा भक्ति के साथ-साथ सामाजिक न्याय और समानता का संदेश भी देती है।
मोरारी बापू का परिवार
नाम | मोरारी बापू |
पूरा नाम | मोरारीदास प्रभुदास हरियाणी |
प्रसिद्धि का कारण | देश के प्रमुख कथावाचक |
जन्मस्थान | तलगाजरडा, भावनगर, गुजरात ,भारत |
आयु | 77 वर्ष की आयु |
राशि | कन्या |
बेटे | पार्थिव भाई हरियाणी |
बेटियाँ | भावना, प्रसन्ना, शोभना |
माता | सावित्री बेन हरियाणी |
पिता | प्रभुदास बापू हरियाणी |
भाई,बहन | 6,2 |
मोरारी बापू कौन हैं?
मोरारी बापू (Morari Bapu),का पूरा नाम मोरारीदास प्रभुदास हरियाणी है, एक प्रसिद्ध भारतीय कथावाचक और प्रेरक वक्ता हैं। मोरारी बापू (Morari Bapu) का जन्म शिवरात्री के दिन 1947 में महुवा के समीप छोटे से गांव तलगाजरडा (सौराष्ट्र) में वैष्णव परिवार में हुआ। उन्होंने 1966 में 19 साल की उम्र में कथावाचन शुरू किया और तब से वे दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रेरित कर चुके हैं।
मोरारी बापू का असली नाम क्या है? (What is the Real Name of Morari Bapu)
- मोरारीदास प्रभुदास हरियाणी
मोरारी बापू का जीवन परिचय | Morari Bapu ka Jivan Parichay
मोरारी बापू (Morari Bapu) का जन्म 1947 को शिवरात्रि (Shivratri) के शुभ दिन पर गुजरात के महुवा के पास छोटे से गांव तलगाजरडा में छह भाइयों और दो बहनों के परिवार में प्रभुदास बापू हरियाणी और सावित्री बेन हरियाणी के घर हुआ था। उनका जन्म वैष्णव बावा साधु निम्बार्क संप्रदाय (वंश) नामक धार्मिक परंपराओं का पालन करने वाले एक परिवार में हुआ है। उन्हें प्यार से “बापू” कहा जाने लगा। मोरारी बापू की सही Surname हरियाणी हे कई लोग हरियाणवी कहते हे इसलिए हम यहाँ आपको सच्ची माहिती प्रदान कर रहे हे ।
उनके दादा, त्रिभोवनदासजी एक महान (श्री राम के भक्त) थे और युवा मोरारी को हर दिन रामचरितमानस के पांच छंद याद कराते थे। स्कूल जाते और वापस आते समय। इसके अलावा, उन्हें कम उम्र में उनके परदादा, महामंडलेश्वर विष्णु गिरिजी महाराज, जो कि ऋषिकेश में “कैलास आश्रम” के प्रमुख थे, उन्हीं के माध्यम से भगवद गीता और वेदों में पारंगत होने के लिए प्रोत्साहित किया गया था।
मुरारी बापू की जीवनी | Morari Bapu Biography
मोरारी बापू (Morari Bapu), जिन्हें मोरारीदास हरियाणी के नाम से भी जाना जाता है, भारत के एक प्रसिद्ध रामकथा वाचक हैं। पूज्य पाद श्रीमद गोस्वामी तुलसीदासजी विरचित श्री राम चरित मानस का गायन करते हे । उनका जन्म जन्म तलगाजरडा गांव में हुआ था। उनके पिताजी का नाम प्रभुदास हरियाणी तथा माताजी का नाम सावित्रीबेन हरियाणी था।
धार्मिक पृष्ठभूमि:
- मोरारी बापू का परिवार धार्मिक रूप से बहुत उदार और प्रेरणादायक था। उनके परदादा ऋषिकेश कैलाश आश्रम के पीठधीश्वर थे, और दादा जी भगवत गीता तथा श्री राम चरित मानस के मर्मज्ञ थे। इस धार्मिक वातावरण में पले-बढ़े मोरारी बापू में बचपन से ही भगवान राम के प्रति अगाध भक्ति थी।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन:
- मोरारी बापू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तलगाजरडा गांव में प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने महुवा में श्री जे.पी. पारेख हाई स्कूल महुवा में शिक्षा ग्रहण की।
रामकथा वाचक बनने की प्रेरणा:
1966 में, जब मोरारी बापू 20 वर्ष के थे, तब उन्होंने श्री रामकथा वाचक नारायणदासजी की कथा सुनी। इस कथा से वे इतने प्रेरित हुए कि उन्होंने अपना जीवन रामकथा के प्रचार-प्रसार में समर्पित करने का निर्णय लिया। तब से आज तक बापू ने ज्य पाद श्रीमद गोस्वामी तुलसीदासजी विरचित श्री रामचरितमानस का गायन ही करते आ रहे हे और युवा पीढ़ी को सनातन धर्म तथाभगवन श्री राम के बारे में कथे हेतु उपदेश देते आ रहे हे ।
मोरारी बापू के जीवन का प्रमुख सूत्र | Morari Bapu Life Purpose
सत्य – Truth सत्य यानि राम
“सत्य के साथ चलो “
भगवान राम के जैसे सत्य के मार्ग पर चालों और मयार्दा पुरुषोत्तम राम जैसे बनो ।
प्रेम -Love प्रेम यानि कृष्ण
“प्रेम के पीछे चलो”
भगवान कृष्णा की तरह प्रेम करो और अपना जीवन प्रेम में बिताओ और किसी के प्रति द्वेष राग इर्षा की भावना न राखी बाप ।
करुणा -Compassion करुणा यानि महादेव
“करुणा को पीछे रखो और आगे चलो ताकि करुणा अपनी पीठथामती रहेगी आगे चलो आगे चलो”
पूरी जगद का बाप महादेव की तरह करुणा में जिओ, पूरी जगद का विष सेह करके फिर भी तुम दुनिया को अमृत पिलाओ और सब के प्रति करुणा भाव रखो ।
मोरारी बापू और टीचर की नौकरी | Morari Bapu And Teacher Job
डिग्री की पढाई पूरी करने के बाद बापू ने जूनागढ़ के शाहपुर कॉलेज में शिक्षक की पढाई का अध्ययन किया। बाद में वो श्री जे.पी. पारेख हाई स्कूल महुवा में सभी विषय पढ़ाते थे, जिनमे इंग्लिश विषय भी शामिल था। उनके दस साल के पढ़ाने के दौर में उन्होंने अच्छे अच्छे वक्ता के भाषण सुने और बहुत सारे आध्यत्मिक गुरु से भेट भी की।
मोरारी बापू शिक्षा | Morari Bapu Education
- स्कूल– श्री जे.पी. पारेख हाई स्कूल महुवा, भावनगर, गुजरात
- कॉलेज/विश्वविद्यालय- शाहपुर ट्रेनिंग स्कूल, जूनागढ़, गुजरात
- शैक्षिक योग्यता- शिक्षक वोकेशनल कोर्स
मोरारी बापू की शादी | Morari Bapu Marriage
मोरारी बापू का विवाह श्रीमती नर्मदाबेन हरियाणी से हुआ। उनके चार बच्चों में तीन बेटियाँ और एक बेटा है। पहले वे परिवार के पोषण के लिए रामकथा से आने वाले दान को स्वीकार कर लेते थे, लेकिन जब यह धन बहुत अधिक आने लगा तो 1977 से प्रण ले लिया कि वे कोई दान स्वीकार नहीं करेंगे। इसी प्रण को वे आज तक निभा रहे हैं।
मोरारी बापू का परिवार | Morari Bapu Family
पिता – | प्रभुदास बापू हरियाणी |
माता- | सावित्री बेन |
भाई- | 6 |
बहनें- | 2 |
मोरारी बापू के रोचक तथ्य | Interesting Facts of Morari Bapu
- बचपन में, वह तुलसी के बीजों की माला बनाया करते थे।
- उन्होंने अधिकतम बचपन अपने दादा-दादी के साथ बिताया है। उन्हें अपनी दादी सावित्री माँ से लोककथाएं और दादा त्रिभोवनदास से रामचरितमानस की (चौपाईयां) को सुनना बहुत पसंद था।
- उनके दादा त्रिभोवनदास प्रतिदिन उन्हें रामचरितमानस के पांच (चौपाईयां) सिखाते थे, क्योंकि मोरारी बापू को स्कूल से लौटने के बाद भजन को गाना बहुत अच्छा लगता था। इस तरह, उन्होंने बारह वर्ष की आयु तक सम्पूर्ण रामायण को पढ़ लिया था।
- एक शिक्षक के रूप में, उन्होंने दस वर्षों तक महुवा (भावनगर राज्य, गुजरात) में जे.पी. पारेख हाई स्कूल में पढ़ाया। इस अवधि के दौरान, वह भारत के सबसे प्रमुख आध्यात्मिक नेताओं से मिले।
- वर्ष 1960 में, चौदह वर्ष की उम्र में बापू ने पहली बार राम कथा का वाचन तलगाजरडा स्थित ‘रामजी मंदिर’ में किया। जिसके चलते वर्ष 1976 में, उन्होंने नैरोबी में कथावाचन किया।
मोरारी बापू कथा सुनने हेतु | Morari Bapu Katha Booking
मोरारी बापू रामकथा सुनाने के लिए कोई शुल्क नहीं लेते। मोरारी बापू की जहा भी रामकथा होती हे वह पर सभी महेमानो के लिए व्यवस्था होती ह। रामकथा में विशेष रूप से कार्यालय होती हे जहा श्रोताओ के लिए रहने खाने की सुविधाए रामकथा के यजमान द्वारा की गयी होती हे। उनके उपदेश बिना किसी वित्तीय या अन्य प्रकार की बाधाओं के, सभी उम्र, लिंग, जाति, पंथ या सामाजिक स्थिति के लोगों के लिए खुले होते हैं।
Table of Contents
मोरारी बापू रामकथा लाइव टेलीकास्ट चेंनल माहिती | Morari Bapu Ramkatha Live Telecast Details
मोरारी बापू की रामकथा 9 दिन की होती हे और उसका समय सुबह 9.30 से 2 बजे तक लाइव टेलीकास्ट होती हे। मोरारी बापू रामकथा लाइव टेलीकास्ट यूट्यूब चेंनल “संगीत नी दुनिया” में होती हे ।
रामकथा लाइव टेलीकास्ट यूट्यूब चेंनल लिंक – https://www.youtube.com/@sangeetniduniyaparivar
मोरारी बापू का चित्रकुटधाम तलगाजरडा संपर्क नंबर | Morari Bapu’s Chitrakutdham Talgajarda Contact Number
मोरारी बापू सेवा कार्य हेतु अपना एक ट्रस्ट चलते हे | जिनका नाम श्री चित्रकुटधाम ट्रस्ट हे। जो कोई भीं व्यक्ति बापू को मिलना चाहता हे या और कोई कार्यक्रम और कथा हेतु यहाँ का कांटेक्ट नंबर हे। जहा पर श्री चित्रकुटधाम ट्रस्ट के कर्मचारी फोन का जवाब देते हे ।
चित्रकुटधाम तलगाजरडा पता: | श्री चित्रकुटधाम ट्रस्ट, वि. तलगाजरडा, महुवा – 364290, जिला भावनगर, गुजरात, भारत |
मीडिया संपर्क ईमेल पता: | info@moraribapu.org https://chitrakutdhamtalgajarda.org |
चित्रकुटधाम ट्रस्ट फोन नंबर: | 02844-246400 |
मोरारी बापू सोशल मीडिया लिंक | Morari Bapu Social Media Links
Conclusion:
मोरारी बापू एक महान कथाकार, आध्यात्मिक गुरु और समाज सुधारक हैं। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें और हमारे अन्य लेख भी पढ़ें। किसी प्रश्न के लिए कॉमेंट बॉक्स में पूछें, हम उत्तर देने का प्रयास करेंगे। ऐसे ही और लेख पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट https://badiyakhabar.com पर रोजाना विजिट करें।
FAQ’s:
Q. मोरारी बापू की राशि क्या है?
Ans. जन्मतिथि के अनुसार राशि कन्या है।
Q. मोरारी बापू की आयु कितनी है?
Ans. मोरारी बापू की 77 वर्ष आयु है।
Q. मोरारी बापू की प्रसिद्ध का कारण क्या है ?
Ans. मोरारी बापू भगवान राम की कथा करने के लिए प्रसिद्ध हैं।
Q. मोरारी बापू का जन्मस्थान कहाँ है?
मोरारी बापू का जन्मस्थान तलगाजरडा , भावनगर जिला, गुजरात है।
Q. मोरारी बापू के कितने भाई है?
Ans. मोरारी बापू के 5 भाई हे ।
Q. मोरारी बापू अपनी राम कथा करने के कितने पैसे लेते हे ?
Ans. मोरारी बापू अपनी राम कथा करने का एक भी पैसा नहीं लेते हे पर उनकी एक कथा में तक़रीबन 1 से 4 करोड़ व्यवस्था का खर्चा होता हे।
Q. सेंजल कहा पर हे और क्या हे ?
Ans. सावरकुंडला से सेंजल तक़रीबन 16 किलोमीटर होता हे , और वह बापू के इष्टदेव श्री ध्यानस्वामी बापा की समाधी हे और बापू वाया आया जाया करते हे ।
Q. महुवा से तलगाजरडा कितना दूर होता हे ?
Ans. महुवा से तलगाजरडा 7 किलोमीटर दूर होता हे
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