11 जुलाई 2025 को जैसे ही टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने अपने Q1 FY26 नतीजे जारी किए, बाजार की प्रतिक्रिया निराशाजनक रही। टीसीएस शेयरों में NSE पर 2.51% और BSE पर 2.43% की गिरावट देखी गई।
नतीजे अच्छे लेकिन बाजार को नहीं भाए
कंपनी ने इस तिमाही में ₹12,760 करोड़ का शुद्ध लाभ कमाया, जो कि साल-दर-साल 6% की वृद्धि है।
हालांकि, राजस्व में वृद्धि मात्र 1.3% रही (₹63,437 करोड़), जो निवेशकों को प्रभावित करने में असफल रही।
वैश्विक अनिश्चितता बनी बाधा
TCS के CEO के. क्रिथिवासन ने कहा कि कंपनी इस समय मैक्रोइकॉनॉमिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण “मांग संकुचन” का सामना कर रही है।
उनके मुताबिक, कंपनी FY26 में दोहरे अंकों की ग्रोथ नहीं देख रही है।

TCS के शेयर
अन्य आईटी कंपनियां भी दबाव में
टीसीएस के साथ-साथ इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और विप्रो जैसी अन्य प्रमुख आईटी कंपनियों के शेयरों में भी कमजोरी दर्ज की गई।
इसका असर पूरे मार्केट पर पड़ा:
- BSE Sensex 352 अंक गिरकर 82,837.37 पर
- NSE Nifty 91 अंक गिरकर 25,263.30 पर बंद हुआ।
💡 सकारात्मक संकेत: अन्य आय में वृद्धि
इस तिमाही में TCS की अन्य आय ₹1,660 करोड़ रही, जो पिछले साल के ₹962 करोड़ से काफी ज्यादा थी।
यह आयकर राइट-बैक की वजह से हुआ, जिसने कंपनी की निचली लाइन को सहारा दिया।
एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
मेहता इक्विटीज और जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स दोनों का मानना है कि बड़ी आईटी कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण समय है।
हालांकि, मिडकैप आईटी कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई जा रही है।
TCS के शेयर निष्कर्ष
हालांकि टीसीएस के नतीजे फायदे वाले हैं, लेकिन टीसीएस शेयरों में गिरावट यह दिखाती है कि बाजार अब ज्यादा ग्रोथ और स्थिरता की उम्मीद करता है। निवेशकों को सतर्क रहना होगा।