Virat Kohli News Update: राजस्थान के जयपुर में खेले गए एक रोमांचक मुकाबले के दौरान Virat Kohli को अचानक अपनी हार्ट बीट बढ़ती हुई महसूस हुई। उन्होंने मैदान पर ही सीने पर हाथ रखा और कुछ पल तेज-तेज सांसें लीं। यह घटना तब हुई जब वे अपनी अर्धशतक पूरी करने के बाद रनिंग के दौरान थक गए थे। उनके इस रिएक्शन ने फैन्स और क्रिकेट एक्सपर्ट्स दोनों को चौंका दिया।

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घबराहट (Palpitation) क्या होती है?
डॉ. बिमल झाजर, जो एम्स के पूर्व कंसल्टेंट और साओल हार्ट सेंटर के फाउंडर हैं उनके मुताबिक जब इंसान को अपने दिल की धड़कन खुद महसूस होने लगे, तो उसे Palpitation कहते हैं। ये आमतौर पर घबराहट या स्ट्रेस के समय होता है। यह कोई बीमारी नहीं, बल्कि शरीर की एक सामान्य प्रतिक्रिया है।
🔍 विराट को क्या हुआ था उस वक्त?
मैच के दौरान जब Virat Kohli ने लगातार भाग-दौड़ की और पिच पर लंबी पारी खेली, तब उनका शरीर गर्मी और थकान से जूझ रहा था। जयपुर में तापमान करीब 37 डिग्री था और रनिंग के दबाव में उन्हें अपनी हार्ट बीट असामान्य लगी। तभी उन्होंने विकेटकीपर संजू सैमसन से दिल की धड़कन चेक करने को कहा।

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👨⚕️ एक्सपर्ट की राय: क्यों बढ़ जाती है हार्ट बीट?
डॉ. झाजर बताते हैं कि खेलते समय हार्ट बीट का बढ़ना एक सामान्य प्रक्रिया है। जब शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन और एनर्जी की जरूरत होती है, तो दिल तेजी से धड़कता है। गर्म मौसम, मानसिक दबाव और हाई परफॉर्मेंस एक्टिविटी मिलकर ये अनुभव दे सकती हैं।

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🧠 कब समझें ये सामान्य है और कब चिंता की बात?
अगर किसी को बार-बार बिना कारण हार्ट बीट तेज महसूस होती है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। लेकिन Virat Kohli जैसे एथलीट्स के लिए ऐसे पल सामान्य हो सकते हैं, खासकर जब वो टॉप लेवल पर खेल रहे हों और माहौल काफी गर्म हो।
✅ विराट कोहली की फिटनेस: एक मिसाल
Virat Kohli अपनी फिटनेस को लेकर कितने गंभीर हैं, ये पूरी दुनिया जानती है। हार्ट बीट चेक करना एक सतर्क खिलाड़ी का उदाहरण है जो अपने शरीर को अच्छे से समझता है। उन्होंने यह स्टेप अपनी सुरक्षा के लिए उठाया और यह साबित किया कि एक प्रोफेशनल खिलाड़ी हमेशा सतर्क रहता है।

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📢 निष्कर्ष
विराट कोहली का मैदान पर हार्ट बीट चेक करना किसी बड़ी बीमारी का संकेत नहीं था, बल्कि एक प्रोफेशनल रिएक्शन था गर्मी और थकावट के प्रति। उनकी सतर्कता और फिटनेस के प्रति जागरूकता उन्हें बाकी खिलाड़ियों से अलग बनाती है।