डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर दूसरी बार शपथ लेने जा रहे हैं।

 20 जनवरी वो खास तारीख है, जब हर नए अमेरिकी राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह होता है।

 इस बार ट्रंप ने ग्लोबल लीडर्स को समारोह में आमंत्रित कर परंपरा तोड़ी है।

पीएम नरेंद्र मोदी नहीं, बल्कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

भारत से किसी भी प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण में भाग नहीं लिया है।

भारत ने हमेशा अमेरिका के दोनों राजनीतिक दलों, डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन्स, के साथ समान संबंध बनाए रखने की नीति अपनाई है।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की को समारोह में बुलाया गया है।

 पाकिस्तान और बांग्लादेश को न्यौता नहीं दिया गया, वहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन को भी आमंत्रण नहीं मिला है।

इस शपथ ग्रहण समारोह के लिए 200 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया गया है, जिससे इसकी भव्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है।

 नरेंद्र मोदी और ट्रंप की गहरी दोस्ती के बावजूद, भारत ने कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने के लिए समारोह से दूरी बनाई है।